साक्षात्कार

साक्षात्कार

परमात्मा व्यक्ति नहीं है उसका,
साक्षात्कार नहीं हो सकता,
परमात्मा शक्ति है लेकिन शक्ति,
भी पढार्थगत नहीं है आत्म गत है,
इसलिए उसका पहला अनुभव,
स्वयं में प्रवेश पर ही होता है।
OSHO

छाया

छाया

अज्ञान ही पाप है शेष पाप,
तो उसकी छाया मात्र है।
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एहसास

एहसास

कार्य कर लेने के बाद,
जिसका एहसास होता है,
वह है क्रोध।
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संभावना

संभावना

हमेशा याद रखें कि जो,
सामने है वह सच है,
उसके बाद जो कुछ भी है,
वह सिर्फ संभावना है।
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भविष्य

भविष्य

जीवन आज और अभी है,
उसे कभी अतीत या,
भविष्य में ना देखें।
OSHO

शक्ति

शक्ति

किसी चीज को दबाना उसे शक्ति,
देने का दूसरा नाम है।
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अर्थहीन

अर्थहीन

अर्थ मनुष्य द्वारा बनाये गए हैं ,
और चूँकि आप लगातार अर्थ,
जानने में लगे रहते हैं,
इसलिए आप अर्थहीन,
महसूस करने लगते हैं |
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आत्मज्ञान

आत्मज्ञान

जैन एकमात्र धर्म है,
जो एकाएक आत्मज्ञान,
सीखता है,
इसका कहना है कि,
आत्मज्ञान में समय नहीं,
लगता ये बस कुछ ही,
क्षणों में हो सकता है |
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आत्मज्ञान

आत्मज्ञान

आत्मज्ञान एक समझ है,
कि यही सबकुछ है,
यही बिलकुल सही है,
बस  यही है आत्मज्ञान,
कोई उप्लाब्धि नही है,
यह ये जानना है,
कि ना कुछ पाना है,
और ना कहीं जाना है |
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अहंकार

अहंकार

प्रेम तब खुश होता है,
जब वो कुछ दे पाता है,
अहंकार तब खुश होता है,
जब वो कुछ ले पाता है |
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खोजिये

खोजिये

खुद को खोजिये नहीं तो,
आपको दुसरे लोगों के,
राय पर निर्भर रहना पड़ेगा,
जो खुद को नहीं जानते |
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दोस्त

दोस्त

कभी ये मत पूछो मेरा,
सच्चा दोस्त कौन है?”
पूछो, “क्या मैं किसी
का सच्चा दोस्त हूँ?”
ये सही प्रश्न है |
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चंचलता

चंचलता

गंभीरता एक बीमारी है,
आत्मा की सबसे बड़ी,
बीमारी और चंचलता,
सबसे बड़ी सेहत है |
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ज़रुरत

ज़रुरत

सम्बन्ध उनकी,
ज़रुरत हैं ,
जो अकेले नहीं,
रह सकते |
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शिखर

शिखर

आकाश में एक अकेले ऊँचे,
शिखर की तरह रहो,
तुम्हे किसी का हो चीजें,
किसी की होती हैं |
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जीवित

जीवित

जीवन कोई त्रासदी नहीं है,
ये एक हास्य है जीवित,
रहने का मतलब है,
हास्य का बोध होना |
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आनंद

आनंद

जिस दिन आप ने सोच लिया कि आपने,
ज्ञान पा लिया है आपकी मृत्यु हो जाती,
है क्योंकि अब ना कोई आश्चर्य होगा,
ना कोई आनंद और ना कोई अचरज,
अब आप एक मृत जीवन जियेंगे |
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क्षमताएं

क्षमताएं

जब मैं कहता हूँ कि आप देवी-देवता हैं,
तो मेरा मतलब होता है कि आप में,
अनंत संभावनाएं है आपकी,
क्षमताएं अनंत हैं |
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सर्वोच्च

सर्वोच्च

मित्रता शुद्धतम प्रेम है ,
ये प्रेम का सर्वोच्च रूप है,
जहाँ कुछ भी नहीं माँगा जाता ,
कोई शर्त नहीं होती जहां बस,
देने में आनंद आता है |
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बुद्धिमान

बुद्धिमान

मूर्ख दूसरों पर,
हँसते हैं बुद्धिमान,
खुद पर |
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अपनाइए

अपनाइए

कोई चुनाव मत करिए जीवन,
को ऐसे अपनाइए जैसे,
वो अपनी समग्रता में है |
OSHO

असहमति

असहमति

अगर आप सच देखना,
चाहते हैं तो ना,
सहमती और ना,
असहमति में राय रखिये |
OSHO

प्रेम

प्रेम

केवल वो लोग जो कुछ भी,
नहीं बनने के लिए तैयार हैं,
प्रेम कर सकते हैं |
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